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Originally Posted by khalid1741
अटल भाई की बात को मैँ आगे बढाता हुँ
अटल भाई खोट देश मेँ नहीँ यहाँ के लोग मेँ हैँ
कोई भी देश बुरा नहीँ होता हैँ
उसे अच्छा या बुरा रहने वाले बनातेँ हैँ
बात अगर करेँ तो सबसे ज्यादा मुसीबत का जड हैँ रिश्वत कोई भी नौकडी चाहिए तो पहले रिश्वत दो
तभी आपको मिलेगा
दुसरा हैँ हराम खोरी यानी बगैर मेहनत का सब चीजे मिले या मेहनत कम हो पैसा ज्यादा बने
तीसरा हैँ जातिवाद
सभी जाति के लोग को उनके धर्म गुरु शोषन करतेँ हैँ
चाहे शारिरीक हो मानसीक हो
अब एक ऍसा कारण जिसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैँ अगर आज के टाईम मेँ कोई पंचायत चुनाव भी लडता हैँ एक दो लाख से कुछ नहीँ होता उसे भी खर्च करने के लिए काफी मात्रा मेँ रुपया खर्ज करना होता हैँ वो रुपया जाता कहाँ हैँ आम जनता के बीच चाहे वो रुपया ले या दारु पीए या पेटरोल पर खर्ज करे आखिर कोई इतना रुपया खर्च करेगा तो वो कमाऐगा भी कमाई होगा कहाँ से योजना के रुपया खाऐगा या जनता को कोई भी काम करवाना होगा तो रिश्वत लेकर करेगा
और एक बात अपने कानुन मेँ लचक होना
सर फोड दो दस हजार
किसी के इज्जत के साथ खेले एकलाख
किसी का मर्डर करो दो तीन लाख
सब से ज्यादा देश के कानुन को सख्त करने की जरुरत हैँ
दुसरा रिश्वत को जड से खत्म करने की जरुरत हैँ
तीसरा जिनका हक हैँ उन्हेँ मिलना चाहिए
चौथा शिक्षा मेँ सबको समान अवसर मिलेँ
राज्य को बढाने मेँ केन्द्र सरकार को समान अवसर दे
और भी कई बात हैँ
पता नहीँ मैँने सही लिखा या गलत
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मैं मानता हू हमारे देश में लाख खराबी है. लेकिन फिर भी हमे इस पेर गर्व होनाचाईए ..
एक राष्ट्रवाद की feeling होनी चाईए ..
इतिहास में भी हम देखे तो इस राष्ट्रवाद ki feeling ने बड़े बड़े तकता पलट किए नयी क्रांति लाई
1789.. french revolution..
1776 american independece..
आज भारत को उसी राष्ट्रवाद की ज़रूरत है..