Re: चेरापूंजी के अनोखे पुल
यहाँ की स्थानीय जन-जाति, खासी ने इन पेड़ों के इस विशेष गुण पर ध्यान दिया और इस गुण को अपनी नदी-नालों को पार करने की जरुरत को पूरा करने के लिए, अपने अनुसार ढाल लिया.
पेड़ की जड़ों को अपनी इच्छानुसार दिशा देने में सुपारी के पेड़ के तनो को इस्तेमाल किया जाता है. इन तनों को बीच से काटकर खाली कर दिया जाता है और पुल की जरुरत के मुताबिक रख दिया जाता है. इसके बाद पतली व लम्बी नाजुक जड़ों को इन खाली किये गए तनों के बीच से गुजारा जाता है. तत्पश्चात जड़ें पहले से निर्धारित दिशा में उगना शुरू कर देती हैं और जब वे नदी के दूसरे किनारे पर पहुँच जाती हैं तब इन्हें जमीन में गाड़ दिया जाता है.
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काम्या
What does not kill me makes me stronger!
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