Re: इधर-उधर से
हिंदी के प्रकांड विद्वान व तुलसी रामायण के अध्येता
भारत प्रेमी फादर कामिल बुल्के के सम्मान में
श्रीयुत हरिवंश राय बच्चन के उदगार फादर बुल्के तुम्हें प्रणाम !
जन्मे और पले योरुप में
पर तुमको प्रिय भारत धाम
फादर बुल्के तुम्हें प्रणाम !
रही मातृभाषा योरुप की
बोली हिंदी लगी ललाम
फादर बुल्के तुम्हें प्रणाम !
ईसाई संस्कार लिए भी
पूज्य हुए तुमको श्रीराम
फादर बुल्के तुम्हें प्रणाम !
तुलसी होते तुम्हें पगतरी
के हित देते अपना चाम
फादर बुल्के तुम्हें प्रणाम !
सदा सहज श्रद्धा से लेगा
मेरा देश तुम्हारा नाम
फादर बुल्के तुम्हें प्रणाम !
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 29-09-2014 at 02:37 PM.
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