29-10-2010, 12:38 PM
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#26
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Originally Posted by bhaaiijee
भूतों की हवेली में मैं नागिन बन के रहती हूँ
कोई नजदीक आये तो मैं हिस्स करके डसती हूँ
मेरी केंचुल का स्वामी भी कभी तो इधर आयेगा
मेरी रग रग से खेलेगा, 'जय' सोचूँ और सिहरती हूँ
अत्यंत मोहक प्रस्तुति है मित्र / धन्यवाद /
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पहचान लिया भाई जी,
राम राम ,कैसे है आप ?
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