Re: एक और हस्तकला के नमूने
Quote:
Originally Posted by devraj80
आपके सूत्र आप ही की तरह विशिष्ट होते हैं हैं रजनीश जी
बहुत बहुत अच्छा लगा ...
धन्यवाद
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उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद, देवराज जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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