Re: बॉलीवुड शख्सियत
मन्ना दा (मन्ना डे) के इंटरव्यू का एक अंश
प्रश्न:
हाल ही में महमूद गुज़र गए. आपने उनके लिए कुछ विस्मयकारी गाने गाए थे जैसे किशोर के साथ (‘पड़ोसन’ फिल्म का) “एक चतुर नार” और (‘दूज का चाँद’) का “फुल गेंदवा ना मारो”. महमूद एक तरह के अभिनेता बन गए थे, जब फ़िल्में उन्हें केंद्र में रख कर लिखी जाती थीं. उनके साथ गाने का अनुभव कैसा रहा?
उत्तर:
बेहद शानदार. महमूद मेरे साथ बैठते थे और नोट्स लेते जाते थे और पूछते रहते थे कि मैं कैसे गाता हूँ वगैरह. मुझे गाता हुआ देखकर वे अपनी भंगिमाओं में मेरी आवाज़ की सारी गतियाँ और भावनाएं ले आया करते थे. वे बेहद दयालु और मजेदार इंसान थे.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|