Re: स्वच्छ राजनीति
मेरा विचार है राजनेता इतने गंदे भी नहीं जितना की मीडिया उन्हें दिखाती है. दरअसल समस्या ये है की मीडिया की प्रतिस्पर्धा मनोरंजन वाले कार्यक्रमों से है, तो यदि वे अपने समाचारों को मनोरंजक नहीं बनाएँगे तो दूरदर्शन का हाल हो जाएगा अब दूरदर्शन को तो सरकारी पैसा मिलता है, प्राइवेट वालो को कहा . ऐसे में उन्हें सामान्य खबरों को भी तोड़ मरोड़ के ऐसे पेश करना ही पड़ता है की भले नेगेटिव हो या पॉजिटिव बस दर्शको को बाँध के रखे. यदि एक छोटे से सरकारी कार्यालय में ऐसी ओछी बाते रोज रोज नहीं होती तो भला राजनीती में कैसे हो सकती है. मीडिया ऐसा रूप देता है, उसकी आदत नहीं चीजों को संन्य तरीके से पेश करने की. जैसा होता है वैसा दिखने लगे तो दूरदर्शन जैसा हाल हो जाएगा, अगर सर्कार नहे तन्खवाह पर रखवाने लगे तब भी ऊँगली उठेगी की सर्कार मीडिया को अपने कब्जे में लाना चाहती है. इसका कोई हल नहीं सिवाए इसके की मिडिया की बातो को तमाशे की तरह ही देखे और सुने. ये जिम्मेदारी नागरिको को ही निभानी पड़ेगी .
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