16-04-2017, 06:20 AM
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Re: कहानी का रूपान्तरण
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि नानावटी के मुकदमे पर आधारित एक-दो नहीं, कुल तीन हिन्दी फ़िल्में बनीं। पहली हिन्दी फ़ीचर फिल्म 'ये रास्ते हैं प्यार के' वर्ष 1963 में लोकार्पित हुई। यह फिल्म सस्पेंस थ्रिलर थी और इस फ़िल्म को आर० के० नय्यर ने सुनील दत्त और लीला नायडू को लेकर बनाया था।
यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुँह गिरी। कहा गया कि फिल्म में अस्वीकरण (Disclaimer) दिया गया था कि इसकी कहानी और सभी पात्र काल्पनिक हैं, जिसके कारण इस फ़िल्म को एक बॉयोपिक होने का लाभ नहीं मिला। इस फ़िल्म के फ़्लॉप होने के पीछे यह भी तर्क दिया गया कि फ़िल्म में नानावटी के मुकदमे के वास्तविक निर्वहण को बदल दिया गया था।
नानावटी के मुकदमे पर आधारित दूसरी हिन्दी फ़ीचर फिल्म 'अचानक' वर्ष 1973 में लोकार्पित हुई।
इस फ़िल्म को गुलजार ने विनोद खन्ना, लिली चक्रवर्ती और असरानी को लेकर बनाई थी और यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही।
Last edited by Rajat Vynar; 16-04-2017 at 08:57 AM.
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