Bohot he achchi rachna.. loved it..
Quote:
Originally Posted by Pavitra
खुद जल के कर सकूँ तुम्हें रौशन
तुम्हारे दिये की बाती होना चाहती हूँ
तुम्हारी सुगन्ध के झोखों में बह सकूँ
पेड से टूटी वो पाती होना चाहती हूँ
तुम्हारे साँचे में ढल कर बन जाऊँ तुम्हारे जैसी
बढा सकूँ तुम्हारी वो ख्याति होना चाहती हूँ
तुम्हारे दिये की बाती होना चाहती हूँ
|