जो तू किस्मत में होती...
सितारे ही क्या, आसमां हमारा होता ...
जो तू किस्मत में होती, तो क्या नजारा होता...
तेरे दीदार से ही, मेरी आँख खुलती ...
तेरे साथ ही ,मेरी हर शाम ढलती ...
दिल की कश्ती के पास कोई किनारा होता...
जो तू किस्मत में होती, तो क्या नजारा होता...
तेरी ही खुशी की ,खातिर मैं जीता...
दोहराता हसीं ,हर पल जो बीता ...
दूर तुझसे जाना नहीं गवारा होता...
जो तू किस्मत में होती, तो क्या नजारा होता...
तू कहती तो मैं ,दुनिया जीत लाता...
काबिल हूँ तेरे ,तुझे मैं बताता...
दुनिया के लिये मैं ,नहीं बेचारा होता...
जो तू किस्मत में होती, तो क्या नजारा होता...
बेरंग जिन्दगी में ,रंग भर पाता...
जीने का मक्सद ,मुझे मिल जाता ...
डूबते हुए को ,तिनके का सहारा होता ...
जो तू किस्मत में होती, तो क्या नजारा होता...
दवा हो इश्क की कोई, तो ला दे मुझे ...
तू है क्या मेरे लिये ,आ बता दूँ तुझे ...
काश ! तेरे लिये दिल ,नहीं आवारा होता ...
जो तू किस्मत में होती, तो क्या नजारा होता...