03-03-2017, 07:19 AM
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#76
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Re: मेरी कलम से.....
Quote:
Originally Posted by pavitra
जो तू किस्मत में होती...
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तू कहती तो मैं ,दुनिया जीत लाता...
काबिल हूँ तेरे ,तुझे मैं बताता...
दुनिया के लिये मैं ,नहीं बेचारा होता...
जो तू किस्मत में होती, तो क्या नजारा होता...
बेरंग जिन्दगी में ,रंग भर पाता...
जीने का मक्सद ,मुझे मिल जाता ...
डूबते हुए को ,तिनके का सहारा होता ...
जो तू किस्मत में होती, तो क्या नजारा होता...
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बहुत श्रेष्ठ गीत रचना. यहाँ भाव और अभाव दोनों के बीच का अंतर भी नज़र आता है और प्रेम में इस अंतर को पूर कर अपनी हसरतों को पूरा करने की एक ईमानदार कोशिश भी दिखाई पड़ती है. हमारा जीवन दर्शन भी तो इसी विचारधारा से हो कर गुज़रता है. इस गीत में भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति मिलती है. इस सुंदर रचना को शेयर करने के लिये हार्दिक धन्यवाद, पवित्रा जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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