View Single Post
Old 21-07-2015, 08:44 PM   #2
Rajat Vynar
Diligent Member
 
Rajat Vynar's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29
Rajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant future
Talking Re: मम्मीऽऽऽ...!

आशा है- उपरोक्त लघुकथा आपको ज़रूर पसन्द आई होगी और बेचारे भूखे बच्चों का रोना देखकर आपकी आँखे नम हो गई होंगी। वस्तुतः इस लघुकथा को हमने अपने विनोद स्वभाव के विपरीत अत्यन्त गम्भीरता के साथ लिखा है और इसमें हास्य-व्यंग्य का समावेश बिल्कुल नहीं किया गया है। ऐसा लिखना हमारी मज़बूरी भी बन गई थी, क्योंकि हमारे ऊपर हमेशा से यह आरोप लगता आया है कि हम गम्भीर प्रकृति की रचना लिख ही नहीं सकते। एक गम्भीर लघुकथा के प्रस्तुतिकरण के साथ ही हमारे ऊपर लगे आरोप का खण्डन स्वतः ही हो गया। कुछ हिन्दी व्याकरणबाज एवं पेंच फँसाने वाले महानुभाव यहाँ पर यह कहकर पेंच फँसा सकते हैं कि 'लघुकथा लघुकथा के पूर्वनिर्धारित मानकों पर शत-प्रतिशत खरी नहीं उतरती', तो हमें इस बात का संज्ञान है और हमारा कहना यह है कि जो रचना मन को पसन्द आ जाए, वही अच्छी है।

हमारी हमेशा से यही कोशिश रही है कि जब-तब मौका मिलने पर अपने पाठकों को लेखन का कुछ गुर सिखाते चलें। अतः यदि आप लेखन का शौक रखते हैं तो अपनी बुद्धि का प्रयोग करके उपरोक्त गम्भीर लघुकथा के आगे अल्प विस्तार करके एक हास्य लघुकथा में परिवर्तित करने का प्रयत्न करें। 'कहीं गलत न हो जाए' सोचकर दूर-दूर रहने से किसी चीज़ को सीखना बिल्कुल नामुमकिन होता है! अतः भयमुक्त होकर इस लेखन कार्य में भाग लें। याद रखें- लिखी गई लघुकथा में आपको किसी प्रकार का कोई परिवर्तन करने की अनुमति नहीं है। आपको दी गई लघुकथा के आगे ही इस प्रकार लिखना है कि गम्भीर लघुकथा हास्य लघुकथा में परिवर्तित हो जाए। आपके प्रयासों को देखने के बाद हम इस लघुकथा को हास्य लघुकथा में परिवर्तित करके दिखाएँगे और आप यह देखकर गहन आश्चर्च के सागर में डूब जाएँगे कि जो कार्य आपको पर्वत समान लग रहा था, वह बड़ी ही आसानी से सम्पन्न हो गया!
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY!
First information: https://twitter.com/rajatvynar
https://rajatvynar.wordpress.com/
Rajat Vynar is offline   Reply With Quote