20-03-2013, 02:08 PM
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#22
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
केले खाने के शौक़ीन बड़े थे मिस्टर केलकर,
दर्जन भर केले खाते थे जब भी आते खेल कर,
ये तो था जब मार के आते,
लेकिन जब वो हार के आते,
खुद को सजा दिया करते थे दंड बैठकें पेल कर.
(रचना: रजनीश मंगा )
Last edited by rajnish manga; 20-03-2013 at 02:11 PM.
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