21-03-2013, 10:54 PM
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#25
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
एक थे खान साहब,
खाते थे पान साहब,
पीते थे बीड़ी,
रास्ते में खड़ी,
एक मोटी शायरा पर देते थे जान साहब.
(रचना: डॉ. पशुपति नाथ)
(साभार: रंग / नवम्बर, 1966 )
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