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Originally Posted by pavitra
बेहतरीन लेख लिखा है आपने सोनी पुष्पा जी......क्योंकि आप खुद ही खुद की बेहतर हिफाजत कर सकती हैं , किसी और से उम्मीद करना बेकार है।
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सही बात है। खुद कुदरतने भी औरत को पुरुष से निर्बल बना कर और बच्चे के जन्म की जिम्मेदारी दे कर अन्याय किया है। अमरिका, ब्रिटन जैसे देशो में भी औरतों को पुरी स्वतंत्रता कहां है? वहां भी औरतो पर कितने अत्याचार होते है!
जैसा की पवित्राजी ने कहा की औरतों को चाहिए के वे अपने पैरो पर खड़ी हो जाए, पैसे कमाने लगे, अपने अस्तित्व को और मज़बुत बनाएं।
महिलाओं से खास कर के मेरी विनती है...जब कभी 'निर्भया कांड' जैसे मामले हो वहां चुप्पी न साधे। आपके घर का पुरुष भले बोले न बोले, आप जरुर ईसे एक मुद्दा बनाए। घर के लडकों को औरत जात की महत्ता समजाए और उसे महिला वर्ग की ईज्जत करना सिखाएं।