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Old 12-05-2015, 11:33 PM   #3
Pavitra
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Default Re: ईश्वर कौन हैं ?

मैं आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूँ। ईश्वर और कोई नहीं बल्कि हमारी अन्तरात्मा ही है । गीता में भी यही संदेश दिया गया है कि आत्मा अमर है , उसका कोई अन्त नहीं ठीक उसी प्रकार जैसे ईश्वर का कोई आदि-अंत नहीं और ईश्वर भी अमर है ।

मैं मानती हूँ कि ईश्वर हमारे अन्दर ही मौजूद हैं , हम मन्दिरों में या मूर्तियों के रूप में जिन्हें पूजते हैं, उन्हीं ईश्वर का वास्तविक रूप हमारे मन-मंदिर में सदैव विराजमान रहता है। हम अपना चित्त एकाग्र करने हेतु उन्हें आकार देते हैं । सोचिये हम जब मंदिर जाते हैं तो हमें कितने लोग मिलते हैं वहाँ , सभी वहाँ निरन्तर ईश्वर से संवाद कर रहे होते हैं, अब हजारों लोगों से कोई कैसे अलग-अलग सम्वाद कर सकता है वो भी एक ही समय में , और एक बात और जो गौर करने वाली है वो ये कि सभी लोग अपने मन में संवाद कर रहे होते हैं । वास्तव में सभी लोग अपने मन में विराजे ईश्वर से संवाद कर रहे होते हैं ।

हम कभी सडक से गुजर रहे हों या लिफ्ट में फँस जायें तो हम अपनी आँखें बन्द कर वहीं ईश्वर से प्रार्थना कर लेते हैं , क्योंकि हम सभी का अवचेतन मन अच्छे से जानता है कि ईश्वर हमारे अन्दर ही है , हमारी अन्तरात्मा के रूप में ।
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