View Single Post
Old 27-12-2014, 10:46 PM   #48
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: लेखकों व कलाकारों की अजीबो-गरीब आदतें


कथाकार स्व. कृशन चंदर की आदतें / Krishan Chander
(उनके छोटे भाई स्व. महेंद्रनाथ के संस्मरण पर आधारित)

कृशन चंदर जी रूपया कमाना जानते थे किंतु उनकी निगाह में रूपया इसलिए कमाया जाता है कि उसे खर्च किया जाये.अगर कोई जरुरतमंद उनके पास आता तो वह ज़रूर उसकी मदद करते. रूपया बचाना वह नहीं जानते थे. उनकी जेब में रूपया टिकता नहीं था. उसे खर्च करना उनका महत्वपूर्ण कार्य था और रूपया कमाना उससे भी बड़ा काम था.

और हाँ, उनके लिखने के के बारे में भी बताना चाहता हूँ. लिखने के लिए वह सबसे बढ़िया कागज़ इस्तेमाल करते थे. जितना ज्यादा कीमती कागज़ खरीद सकते थे खरीद लायेंगे. कलम घटिया होगा. फाउंटेन पैन का वह इस्तेमाल नहीं करते थे. महज़ एक आम तरह का होल्डर काम में लाते थे. बाजार से एक दर्जन निब खरीद कर ले आते थे और उन्हें अदल-बदल कर इस्तेमाल किया करते थे.

वह अफसाना (कहानी) सिर्फ एक बार लिखते थे. दुबारा उसे पढ़ते ही नहीं थे. कभी कभार अपना लिखा हुआ ही उनसे पढ़ा नहीं जाता था. क़ातिब (प्रिंट करने के लिए उर्दू लिखने वाला) अवश्य उसे पढ़ लेता था. उपन्यास 'शिकस्त' उन्होंने कुल 22 दिनों में लिखा था. कभी कभार एक सप्ताह में सात अफ़साने लिख देते थे. ‘अन्नदाता’ (जिस पर फिल्म भी बन चुकी है), ‘मौली’ ‘कालू भंगी’ और ‘भूमिदान’ आदि अफ़साने उन्होंने सिर्फ एक बार लिखे और वह भी सिर्फ एक ही सिटिंग में. वह शायद दुबारा लिखने के कायल नहीं थे. पहले अच्छी तरह सोच लेते फिर लिखते थे.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)

Last edited by rajnish manga; 02-01-2015 at 12:03 PM.
rajnish manga is offline   Reply With Quote