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Old 19-12-2017, 12:17 PM   #221
rajnish manga
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Default Re: मुहावरों की कहानी

रेखा बीमार थी और घर पर अपने माता-पिता के साथ ही थी। वह स्कूल नहीं गई। राखी स्कूल गई थी । हमेशा की तरह राखी ने शैतानी की । दरवाजे के सामने केले का छिलका डाल दिया । जब अध्यापक ने कमरे के अंदर कदम रखा तो वे एक बड़े धमाके के साथ केले के छिलके पर फिसले और सारी कक्षा हँस पड़ी। सब इतना हँसे कि लग रहा था कि मेजें और कुर्सियाँ भी हँस रही थीं। बिना सोचे-समझे जल्दी से राखी ने पूरा इल्ज़ाम रेखा पर डाल दिया । राखी भूल गई थी कि रेखा घर पर बीमार थी और स्कूल आई ही नहीं थी। जब प्राचार्य जी ने रेखा के माता-पिता को बुलाया तो उन्हें यह सुनकर धक्का लगा क्योंकि रेखा तो उनके साथ घर पर ही थी। सबकी निगाह राखी पर उठी तब सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी की तरह साफ हो गया।

उस दिन ही सबको पता चला कि इन सब शरारतों के पीछे राखी ही है। उसे स्कूल से थोड़े दिन के लिए निलम्बित कर दिया गया । रेखा की अच्छाई और बिना कुछ कहे सब कुछ सहते जाने के लिए माता-पिता प्रसन्न हुए पर उन्हें दु:ख भी हुआ कि राखी ने रेखा को बहुत सताया था । माँ-बाप गुजरता समय तो वापिस ला नहीं सकते थे । पर राखी को इस व्यवहार के लिए उन्होंने रेखा को एक तोहफा दिया और आगे से उस पर झूठे इल्ज़ाम लगाने से पहले खुद भी एक बार सोचने का वादा भी किया।
(इन्टरनेट से साभार)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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