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Old 30-12-2017, 01:02 PM   #225
rajnish manga
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Default Re: मुहावरों की कहानी

परमात्मा आदमियोंकी आकांक्षाएं पूरी कर दे,
तो आदमी बड़ी मुसीबत में पड़ जाएं

एक आदमी ने यह कहावत पढ़ ली कि परमात्मा आदमियों की आकांक्षाएं पूरी कर दे, तो आदमी बड़ी मुसीबत में पड़ जाएं। उसकी बड़ी कृपा है कि वह आपकी आकांक्षाएं पूरी नहीं करता। क्योंकि अज्ञान में की गई आकांक्षाएं खतरे में ही ले जा सकती हैं। उस आदमी ने कहा, यह मैं नहीं मान सकता हूं। उसने परमात्मा की बड़ी पूजा, बड़ी प्रार्थना की। और जब परमात्मा ने आवाज दी कि तू इतनी पूजा-प्रार्थना किसलिए कर रहा है? तो उसने कहा कि मैं इस कहावत की परीक्षा करना चाहता हूं। तो आप मुझे वरदान दें और मैं आकांक्षाएं पूरी करवाऊंगा; और मैं सिद्ध करना चाहता हूं, यह कहावत गलत है।

परमात्मा ने कहा कि तू कोई भी तीन इच्छाएं मांग ले, मैं पूरी कर देता हूं। उस आदमी ने कहा कि ठीक। पहले मैं घर जाऊं, अपनी पत्नी से सलाह कर लूं।

अभी तक उसने सोचा नहीं था कि क्या मांगेगा, क्योंकि उसे भरोसा ही नहीं था कि यह होने वाला है कि परमात्मा आकर कहेगा। आप भी होते, तो भरोसा नहीं होता कि परमात्मा आकर कहेगा। जितने लोग मंदिर में जाकर प्रार्थना करते हैं, किसी को भरोसा नहीं होता। कर लेते हैं। शायद! परहेप्स! लेकिन शायद मौजूद रहता है।

तय नहीं किया था; बहुत घबड़ा गया। भागा हुआ पत्नी के पास आया। पत्नी से बोल कि कुछ चाहिए हो तो बोल। एक इच्छा तेरी पूरी करवा देता हूं। जिंदगीभर तेरा मैं कुछ पूरा नहीं करवा पाया। पत्नी ने कहा कि घर में कोई कड़ाही नहीं है। उसे कुछ पता नहीं था कि क्या मामला है। घर में कड़ाही नहीं है; कितने दिन से कह रही हूं। एक कड़ाही हाजिर हो गई। वह आदमी घबड़ाया। उसने सिर पीट लिया कि मूर्ख, एक वरदान खराब कर दिया! इतने क्रोध में आ गया कि कहा कि तू तो इसी वक्त मर जाए तो बेहतर है। वह मर गई। तब तो वह बहुत घबड़ाया। उसने कहा कि यह तो बड़ी मुसीबत हो गई। तो उसने कहा, हे भगवान, वह एक और जो इच्छा बची है; कृपा करके मेरी स्त्री को जिंदा कर दें।

ये उनकी तीन इच्छाएं पूरी हुईं। उस आदमी ने दरवाजे पर लिख छोड़ा है कि वह कहावत ठीक है। हम जो मांग रहे हैं, हमें भी पता नहीं कि हम क्या मांग रहे हैं। वह तो पूरा नहीं होता, इसलिए हम मांगे चले जाते हैं। वह पूरा हो जाए, तो हमें पता चले। नहीं पूरा होता, तो कभी पता नहीं चलता है।

(ओशो)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)

Last edited by rajnish manga; 30-12-2017 at 01:10 PM.
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