वीरेन्द्र सहवाग द्वारा क्रिकेट को अलविदा
टीम इंडिया के लिए खेलते हुए ऐसे कई मुकाम आए जब वीरू की पारियां इतिहास में दर्ज हो गईं. टेस्ट में मुल्तान और चेन्नई के तिहरे शतक हों या वन-डे में इंदौर का दोहरा शतक, वीरू के पास रिकॉर्ड्स की हमेशा भरमार रही, लेकिन रिकॉर्ड्स के लिए उन्होंने कभी कोई खास कोशिश नहीं की. शतक के करीब पहुंचकर भी गेंद को बाउंड्री पार उड़ाने की उनकी आदत पर लोग हैरान भी होते थे और दाद भी देते थे. लेकिन वीरू सिर्फ बल्ले से ही बेबाक नहीं थे, मुंह से भी थे. 2010 में बांग्लादेश में दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ का पहला टेस्ट चटगांव में खेला जाना था. वीरू भारत के कप्तान थे. मैच से पहले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय दोनों देशों के मीडियाकर्मी कप्तान का इंतज़ार कर रहे थे. वीरू आए तो बांग्लादेशी रिपोर्टर ने पूछा, बांग्लादेश की गेंदबाज़ी को कैसे आंकते हैं. वीरू बोले, ‘ज़्यादा अच्छी नहीं है, हमारे 20 विकेट कभी नहीं ले पाएंगे’. रिपोर्टर हैरान रह गया. इसके बाद बांग्लादेशी मीडिया ने कुछ और सवाल पूछे, वीरू ने एक-एक लाइन में सबके जवाब दिए और पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ दो मिनट में खत्म करके चलते बने. वीरू को सिर्फ क्रिकेटर समझने वाले भूल करते हैं क्योंकि वो सही मायने वो एंटरटेनर थे.