Re: वैज्ञानिक यह कहते हैं ...
उठने लगा है चेहरों में अंतर के राज से पर्दा
कैलिफोर्निया। इंसान ... हर ओर इंसान ... लेकिन हर इंसानी चेहरा दूसरे से एकदम अलग ... यह वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी अबूझ पहेली रही है, लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी वंशानुगत लक्षणों के हस्तांतरण के लिए जिम्मेदार डीएनए का पता लगने से अब यह राज कुछ-कुछ साफ होने लगा है। इस सम्बंध में कैलिफोर्निया के लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेट्री में संयुक्त जीनोम संस्थान में चूहों पर शोधकर्ताओं ने डीएनए में ऐसे छोटे-छोटे करोड़ों स्थानों की पहचान की है, जो इंसानों में चेहरों के विकास को प्रभावित करते हैं। शोधकर्ता दल के एक प्रोफेसर एक्सेल विसेल ने कहा कि हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि डीएनए में इंसानी चेहरों को बनाने वाले निर्देश कैसे पिरोए होते हैं। उन्होंने बताया कि इस अध्ययन से यह भी पता चलेगा कि डीएनए की घुमावदार संरचना भी सूक्ष्म रूप से इंसानों के चेहरे की बनावट में होने वाले अंतर को प्रभावित कर सकती है। वैज्ञानिक पत्रिका साइंस में इस सम्बंध में प्रकाशित सूचनाओं से वैज्ञानिकों को यह समझने में भी मदद मिलेगी कि जन्म के समय ही कुछ लोगों के चेहरों में विकार कैसे पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि डीएनए में कहीं न कहीं इस बात का खाका जरूर मौजूद होगा, जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी इंसान का चेहरा कैसा होगा। शोधकर्ताओं का मानना है कि इंसानी चेहरों में विविधताओं को जानने के लिए जो शोध हो रहे हैं, वे दरअसल जानवरों पर हो रहे हैं, लेकिन वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि जानवरों के समान ही इंसानों में भी चेहरों के अंतर विकसित होने की प्रबल संभावना है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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