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Cricket's Hall of Fame
कर्नल सी.के.नायडू
सन 1936 ई. में इंग्लैंड के अपने अंतिम दौरे में उन्होंने 1102 रन बनाए तथा 51 विकेट भी लिए। 1945 - 46 के सत्र में 51 वर्ष की आयु में रणजी ट्रॉफी के मैचों में होल्कर की तरफ से खेलते हुए उन्होंने बड़ोदरा के विरूद्ध 200 रन की बेहतरीन पारी खेली थी। सी. के. नायडू की योग्यता को देखते हुए होल्कर महाराज ने उन्हें अपनी सेना में कर्नल बना दिया, इसी के साथ इनका नाम कर्नल सी. के. नायडू हो गया। सी. के. नायडू ने होल्कर के अलावा आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश की टीमों की ओर से भी रणजी मैच खेले हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सी. के. नायडू भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उपाध्यक्ष तथा चयन समिति के अध्यक्ष भी रहे। क्रिकेट जगत में इनके अतुलनीय योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने इन्हें सन 1955 ई. में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पद्मभूषण" से सम्मानित किया, वे भारत के पहले क्रिकेटर थे जिन्हें भारत सरकार से सम्मान प्राप्त हुआ था। कर्नल सी. के. नायडू का देहांत 14 नवंबर सन 1967 ई. में इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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