Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
आज की रात भी गुज़री है मेरी, कल की तरह
हाथ आए न सितारे तेरे, आँचल की तरह
रात जलती हुई इक ऐसी चिता है जिस पर
तेरी यादें हैं सुलगते हुए, संदल की तरह
तू इक दरिया है मगर मेरी तरह पयसा है
मैं तेरे पास चला आऊँगा, बादल की तरह
मैं हूँ इक खवाब मगर जागती आंखों का 'आमिर'
आज भी लोग गँवा दें न मुझे, कल की तरह
हाथ आए न सितारे तेरे, आँचल की तरह
आज की रात भी गुज़री है मेरी, कल की तरह.........
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