Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
निकाह आ जनाज़ा
तेरी डोली उठी ,मेरी मैयत उठी ,
फूल तुझ पर भी बरसे ,फूल मुझ पर भी बरसे ,
फर्क इतना सा था ,
तूं सज गयी ,
मैं सजाया गया ..
तूं भी घर को चली , मैं भी घर को चला
फर्क इतना सा था...
तूं उठ के चली,
मैं उठाया गया ..
महफ़िल वहां भी थी, लोग वहां भी थे ,
फर्क इतना सा था ,
उनको हँसाना वहां, इनको रोना यहाँ
काजी उधर भी था , मौलवी इधर भी था,
दो बोल तेरे पढ़े , दो बोल मेरे पढ़े ,
फर्क इतना सा था ,
तुझे अपनाया गया , मुझे दफनाया गया
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