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Old 05-02-2013, 01:19 PM   #159
bindujain
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Default Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य, रोमांचक घटनाएँ


हिन्दु धर्म में देवी के ५१ शक्तिपीठों में से कामाख्या या कामरुप शक्तिपीठ का सबसे अधिक महत्व है । यह भारत की पूर्व-उत्तर दिशा में असम प्रदेश के गुवाहाटी में स्थित होकर कामाख्या देवी मन्दिर के नाम से प्रसिद्ध है। पुराण अनुसार यह देवी का महाक्षेत्र है। यह मन्दिर नीलगिरी नामक पहाड़ी पर स्थित है। यह क्षेत्र कामरुप भी कहलाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि देवी कृपा से कामदेव को अपना मूल रुप प्राप्त हुआ। देश में स्थित विभिन्न पीठों में से कामाख्या पीठ को महापीठ माना जाता है। इस मंदिर में १२ स्तम्भों के मध्य देवी की विशाल मूर्ति है। मंदिर एक गुफा में स्थित है। यहां जाने का मार्ग पथरीला है। जिसे नरकासुर पथ भी कहा जाता है। मंदिर के पास ही एक कुण्ड है। जिसे सौभाग्य कुण्ड कहते हैं। इस स्थान को योनि पीठ के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यहां देवी की देह का योनि भाग गिरा था। यहां पर देवी का शक्ति स्वरुप कामाख्या है एवं भैरव का रुप उमानाथ या उमानंद है। उमानंद को भक्त माता का रक्षक मानते हैं।

कथा - शिव जब सती के मृत देह लेकर वियोगी भाव से घूम रहे थे, तब भगवान विष्णु ने उनका वियोग दूर करने के लिए अपने सुदर्शन चक्र से सती के मृत देह के टुकड़े कर दिए । इसके बाद ब्रह्मदेव और भगवान विष्णु ने उन्हें सती के अपार शक्ति के बारे में ज्ञान दिया । इस भगवान शंकर ने कहा मुझे ज्ञान प्राप्त होने पर भी मेरे मन से सती के अलगाव का दु:ख समाप्त नहीं हो रहा। तब ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शंकर ने देवी भगवती की प्रसन्नता के लिए इसी कामरुप स्थान पर तपस्या की। जिससे प्रसन्न होकर देवी ने भगवान शंकर को वर दिया कि वे हिमवान के यहां गंगा और पार्वती के रुप में जन्म लेकर उनसे विवाह करेंगी और ऐसा ही किया । इसलिए इस स्थान का बहुत महत्व है । यहां देवी का रुप साक्षात् माना जाता है।

महत्व कामाख्या देवी मंदिर में मान्यता है कि यहां देवी को लाल चुनरी या वस्त्र चढ़ाने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं । देवी की मात्र पूजा एवं दर्शन से सभी विघ्र, कष्ट दूर हो जाते हैं। यहां कन्या पूजन का भी परंपरा है।

कामाख्या देवी मंदिर आषाढ़ माह में तीन दिवस के लिए बंद रहता है । पौष माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया-तृतीया को हर-गौरी महोत्सव भी मनाया जाता है । जिसमें देवी के अनुष्ठान, पूजा व यज्ञ आदि होते है।
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
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