Re: दोस्ती की ज़रूरत!
सच्ची कहानी-ः
दो दोस्त थे उनमें भाईयो की तरह प्रेम था। दोनो खाली समय में साथ रहा करते थे।
औफिस टाईम में भी दोनो एक दुसरे के फेसबुक वाल पे मस्ती किया करते थे।
एक दिन दोनो में गलतफहमी पैदा हो गई। विवाद बढ़ गया।
दोनो ने आपस में बात करना बंद कर दिया,दोनो की दोस्ती समाप्त हो गई।एक ने दुसरे को फेसबुक पे ब्लॉक कर दिया।कूछ दिन बीत गये।दोनो दोस्त एक दुसरे को याद करने लगे।
पर संकोच से कूछ ना कहे।एक महीने बाद जब एक दोस्त से रहा ना गया दुसरे को फोन
किया। पर फोन औफ था। वो परेशान सा दुसरे दोस्त के घर गया। पता चला की दोस्त को गंभीर बिमारी है। कूछ दिन की साँसे बाकी है। दोनो गले मिलकर रोने लगे।
बिमार दोस्त ने कहा,तू मुझे हमेशा फेसबुक वाल पे कूछ कूछ लिखकर छेड़ा करना।
मेरी रूह को शान्ति मिल जायेगी। उस दोस्त ने वादा कर दिया,घर आकर दोस्त ने अनब्लॉक कर दुबारा फ्रेण्ड रिक्वेस्ट भेजा। पर अफसोस बिमार दोस्त हॉस्पीटल में था।
और फेसबुक पे नहीं था। रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं हो पाया। अगले दिन बिमार दोस्त सुबह सुबह दुनिया छोड़ गया। आज वो मित्र जब भी अपने मृत दोस्त की फेसबुक आई डी देखता है,
उसके वाल पे लिखने के लिये तड़प जाता है। पर काफी देर हो चूकी थी रोने के सिवाय कूछ नहीं कर सकता था।
नोट-ःचन्द दिन की जिंदगी हँसखेल कर गुजारे,
नाराजगी को जीवन में स्थान ना दे।
नहीं तो जिंदगी अफसोस के मौके भी छिन लेता है।
__________________
Disclaimer......! "The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..."
|