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Old 28-06-2013, 08:12 PM   #1
dipu
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open school एजुकेशन फॉर ऑल

फॉर बिग टारगेट

ओपन स्कूल का मेन टारगेट उन क्षेत्रों के यूथ हैं, जो चीप एंड बेस्ट एजुकेशन चाहते हैं, लेकिन ऑप्शन्स की कमी के कारण अपने इस ड्रीम को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए ही इस तरह के ओपन स्कूलों की स्थापना की है। काफी संख्या में स्टूडेंट इस फैसिलिटी का बेनिफिट उठा रहे हैं, जिसके चलते ओपन स्कूल्स में पढने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ रही है।

वोकेशनल कोर्सेज भी

ओपन स्कूल्स की सबसे बडी विशेषता है कि यहां बेसिक एजुकेशन, सेकंडरी सर्टिफिकेट कोर्स, सीनियर सेकंडरी सर्टिफिकेट कोर्स के अलावा बडी संख्या में वोकेशनल कोर्सेज भी मौजूद हैं। इसके अलावा ओपन यूनिवर्सिटी से एकेडमिक और प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं। लैंग्वेज को लेकर इस तरह के स्कूलों में कोई विशेष प्रॉब्लम नहीं होती है। हर संस्थान में एडमिशन प्रॉसेस और फीस अलग-अलग हो सकती है।

एलिजिबिलिटी

सेकंडरी कोर्स में एंट्री के लिए आठवीं पास होना जरूरी है, वहीं सीनियर सेकंडरी सर्टिफिकेट कोर्स के लिए किसी रिकग्नाइज्ड बोर्ड से दसवीं पास होना चाहिए। सेकंडरी एवं सीनियर सेकंडरी सर्टिफिकेट के बेस पर वोकेशनल कोर्सेज में एडमिशन लिया जा सकता है। हायर एजुकेशन और प्रोफेशनल कोर्स के लिए रिलेटेड इंस्टीट्यूट से कॉन्टैक्ट करना बेटर रहेगा। यहां दी जाने वाली एजुकेशन को रेगुलर एजुकेशन के इक्विवैलेंट रखा जाता है।

मॉडर्न एजुकेशन सिस्टम

ओपन स्कूलों में मॉडर्न कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी से भी एजुकेशन दी जाती है। स्टूडेंट्स को सेल्फ लर्निग मैटेरियल उपलब्ध कराया जाता है। कुछ जगहों पर ऑडियो और वीडियो प्रोग्राम्स से भी एजुकेशन देने का काम किया जा रहा है। स्टूडेंट अपनी एजुकेशन रिलेटेड प्रॉब्लम्स के लिए वर्किग टाइम में स्कूल से कम्युनिकेट भी कर सकते हैं। ओपन स्कूलों में एंट्री के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन भी दे सकते हैं। आमतौर पर सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी लेवल पर एडमिशन जुलाई और अगस्त माह में होते हैं, वहीं वोकेशनल एजुकेशन से जुडे कोर्सेज में एडमिशन पूरे साल चलता रहता है।

ओपन लर्निग यूनिवर्सिटीज

-इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

-मध्य प्रदेश भोज ओपन यूनिवर्सिटी, भोपाल

-यूपी राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद

-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग, नोएडा

-डॉ. भीमराव अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी, हैदराबाद

-दिल्ली यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ ओपन लर्निग, नई दिल्ली

-नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, पटना

टॉप 10 प्वाइंट्स

-जॉब के साथ कोर्स आसानी से कर सकते हैं।

-रेगुलर कॉलेजेज में एंट्री न मिलने पर इन स्कूलों में एडमिशन।

-कई शहरों में होते हैं सेंटर।

-फीस कम होती है।

-लॉन्ग डिस्टेंस एरिया के लोग भी करेस्पोंडेंस से एजुकेशन ले सकते हैं।

-सिलेबस में नए कोर्सेज।

-स्कूलों में एजुकेशन लेने वाले स्टूडेंट्स को अच्छा टाइम मैनेजर होना चाहिए।

-सोसायटी के सभी ग्रुप्स को सेम एजुकेशन देने का टारगेट इन स्कूलों से पूरा हो रहा है।

-रेगुलर कोर्सेज के बराबर ही मान्यता।

-इस तरह की एजुकेशन से कंट्री में स्किल्ड यूथ की संख्या बढ रही है।

शरद अग्निहोत्री
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