Re: सहिष्णुता और असहिष्णुता की बहस
अभिनेता कमल हासन इस विषय में क्या कहते हैं, देखें:
असहिष्णुता को लेकर चल रही बहस से खुद को अलग करते हुए जाने माने अभिनेता कमल हासन ने कहा है कि वह ‘‘सहिष्णुता’’ शब्द के खिलाफ हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि देश को बंटने से बचाने के लिए सभी समुदायों को एक दूसरे को स्वीकार करने की जरूरत है। प्रतिष्ठित हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ अनौपचारिक बातचीत में हासन ने कहा कि देश पहले ही अपने दो हाथ- बांग्लादेश और पाकिस्तान गंवा चुका है और अब सारे प्रयास एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं सहिष्णुता शब्द के खिलाफ हूं। बर्दाश्त नहीं करें, एक दोस्त को स्वीकार करें। आप सबकुछ बर्दाश्त क्यों करें? यह एक विचार है कि या तो आप स्वीकार करें या नहीं स्वीकार करें? आखिर आप बर्दाश्त क्यों करें? उन्होंने कहा कि असहिष्णुता इसलिए है क्योंकि आप इसे सहन कर रहे हैं। सहन नहीं करिए। मुस्लिमों या हिंदुओं को अपने सह नागरिकों की तरह स्वीकार कीजिए। उन्हें सहन नहीं कीजिए। यही सहिष्णुता की समस्या है। उन्हें स्वीकार कीजिए क्योंकि आप अपने भारतीय झंडे से हरे रंग को बाहर नहीं निकाल सकते हैं। अन्य रंगों के बीच हरे रंग के धागों में बुने बिना बाजू के स्वेटर का जिक्र करते हुए हासन ने कहा कि यह एक स्वेटर की तरह है जो पहले से ही हरे रंग के धागों से बुना हुआ है। आप इसे हटा नहीं सकते हैं। इसके बाद कोई स्वेटर बचा नहीं है।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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