Re: अमर चित्र कथा - रविन्द्र नाथ ठाकुर
गुल्लुजी आपका बहुत आभार की ऐसा प्यारा सूत्र बनाया है, मनोरंजन के साद ज्ञान में वृद्धि तथा संत पुरुषों से लगाव. धन्यवाद.
__________________
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब,
पल में प्रलय होयगी, बहुरि करोगे कब. - संत कबीर
|