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Originally Posted by aksh
है इतना दम मेरी इस, सूखी हुयी कलाई में
हो आज्ञा तो आग लगा दू, अभी दिया सलाई में.
अभी तो बस यही दो लेने याद आ पाई हैं मित्र. आपकी शिकायत दूर करने के लिए सुना दी हैं.
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अभी के लिए तो छोड़ रहा हूँ पर आगे के लिए
तैयारी जम कर कर लीजियेगा
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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