22-08-2013, 11:22 PM
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#23
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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Originally Posted by dr.shree vijay
मुझे तमसे मुहबत है दीवानगी की हद तक
दीवाना मुझे बनाओ ना दीवानगी की हद तक
ऐ सनम मुझसे पूछो कितनी चाहत हुई है
मुझे तुमसे मुहबत है दीवानगी की हद तक
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कमर बांधे हुये चलने को यां सब यार बैठे हैं
बहुत आगे गये बाकी जो हैं तैयार बैठे हैं
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