Re: जन आस्था और मूर्ति विसर्जन
rajnish ji apne बहुत ही महत्वपूर्ण विषय उठया है आपने. सभी को सोचना चाहिए. समाज सेवी संस्थाओं को भी तो प्रशासन को भी. इस मसले का हल बहुत ही आवश्यक है. आस्था अपनी जगह है. बदलते हालत में मैं देखता हूँ व्रत रखने के तरीके ख़ान पान भी वक़्त के साथ बदल गया है. मुझे लगता है पूजा अर्चना में भी बदलाव की ज़रूरत है.
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