Re: अपने शहर को ज़रा इस नज़र से देखो !
भड़भूँजा (Gujrat)
(रागिब अहमद के ब्लॉग से)
अफ़ज़लोद्दीन सय्यद जिनेह लोग लाला मियां के नाम से जानतें थे बड़ी बारसुख शख्सियत थी। रियासत गुजरात में उन का दबदबा था। भड़भूँजा उन का वतन था। में ने खुद अपनी आँखों से देखा है के जब उनेह सफर करना होता भड़भूँजास्टेशन मास्टर से कह रखते उन के पहुचने तक ट्रैन भड़भूँजा स्टेशन पर रुकी रहती ,गार्ड ,टी सी उनेह फर्स्ट क्लास में बैठाते तब ट्रैन रवाना होती। आदिवासियों में उन का बड़ा अहतराम था ,गाँव के सरपंच थे ,गाँव में निकलना होता लोग बड़ी इज़्ज़त से उन से मिलते ,उन के पैरों पर गिरतें ,वह भी उन के दुःख सुख में बराबर शरीक होतें। खुदा झूट न बुलवाएं झाड फूँक कर लोगों का इलाज करते देखा हूँ। बिछउँ के काटने पर कईं बार दम किया पानी दिया लोगों को आराम होगया। अल्लाह उन की मग़फ़िरत करें।
ख़्वाब था जो कुछ के आँखों ने देखा था, अफ़साना था जो कुछ के सुना था.
(भड़भूँजा उस व्यक्ति को कहते हैं जो चने, मूंगफली, मक्का भूनने / बेचने का काम करते हैं)
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 06-12-2015 at 09:31 PM.
|