देश को एक नयी ताक़त दीजीये...बंसी
कदम से कदम मिला लीजीए
देश को एक नयी ताक़त दिजिये
लगता जी रहे हैं हम सब अपने लिए
ज़रूरत है एकता की वतन के लिए
भेद भाव सारे मिटा के अभी
सब को अपने गले लगा लीजीए
कदम से कदम मिला लीजीए
देश को एक नयी ताक़त दिजिये
आज़ादी को सत सठ साल हुए
किया वाक़वयई हम आज़ाद हुए
अँग्रेज़ों की गुल्लमी से आज़ाद हुए तो
भ्रष्टाचारियों के हम सब गुलाम हुए
बदलने की सख़्त ज़रूरत है इसे
एक हो कर यह सब बदल दिजिये
कदम से कदम मिला लीजीए
देश को एक नयी ताक़त दिजिये
कितना दुर्भाग्या है हमारे देश का
इतने भ्रष्ट नेता हैं हमको मिले
भ्रष्टाचार में उनसे आगे ना कोई
दुनियाँ में ढूढ़े ना ढूढ़े मिले
करते रहते हैं घोटाले पे घोटाले सदा
चारा तक ना छोड़ते गायका
सख़्त से सख़्त उनको सज़ा दिजिये
उनके नाम-ओ-निशान मिटा दिजिये
कदम से कदम मिला लीजीए
देश को एक नयी ताक़त दीजीये
फ़र्क ईश्वर और अल्लाह में कोई नहीं
फ़र्क राम और ईसा में भी नहीं
फ़र्क मंदिर और मस्जिद में भी नहीं
फ़र्क लगता है अगर जो अभी भी तुम्हें
ज़रा सा नज़रिया बदल दिजिये
कदम से कदम मिला लीजीए
देश को नयी एक ताक़त दिजिये
अपने मतलब के लिए दंगे करते हैं जो
मज़हब के नाम पे लड़ाते हैं जो
नफ़रत की आँधी फलते हैं जो
उनके ना पाक इरादे कुचल दिजिये
कदम से कदम मिला लीजेए
देश को नयी एक ताक़त दिजिये
अर्ज़ करता हूँ अपने हुक्मरानो से
झाँक कर देखें अपने ग़रेबान में
देश भक्ति का वादा करते हैं जो
किया उस पे खरे उतरते हैं वो
धर्मराज को किया मुँह दिखाएगे वो
जो अपना कर्तव्य ना निभाएँगे वो
कमी कहीं अगर उनको लगती है तो
अभी भी वक़्त है पूरी कर लीजीए
भगत सिंघ सुभाष ना लौटेंगे फिर
जुनून वैसा मन में जगा लीजीए
कदम से कदम मिला लीजीए
देश को एक नयी ताक़त दिजिये
बंसी (मधुर)
Last edited by Bansi Dhameja; 25-04-2014 at 06:32 AM.
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