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Originally Posted by internetpremi
ना माँगो सोना चान्दी, ना माँगो हीरा मोती
ये तेरे किस काम के
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कैसी चली है अब के हवा, तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये हैं ख़ुदा, तेरे शहर में
क्या जाने क्या हुआ कि परेशान हो गए
इक लहज़ा रुक गयी थी सबा तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये...
कुछ दुश्मनी का ढब है न अब दोस्ती के तौर
दोनों का एक रंग हुआ तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये...
शायद उन्हें पता था कि 'ख़ातिर' है अजनबी
लोगों ने उसको लूट लिया तेरे शहर में
बन्दे भी हो गये...