Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ
अपनी पालतू बिल्लियों के असामान्य व्यवहार से मैं हैरान-परेशान था । ऐसा लगता था, मानो मेरी पालतू बिल्लियों को एस्कहाम की दीवारों से किसी ' गंध ' का आभास मिल रहा था ।
क्या वह गंध चूहों की थी ?
अल्फ्रेड का मित्र कैप्टन स्मिथ जब मुझसे मिलने आया, तो मैंने बिल्लियों के असामान्य व्यवहार की बात उसको बताई । मेरी बात सुनकर कैप्टन स्मिथ नौरोजी ने कहा- “बिल्लियों में सूंघने की अद्भुत शक्ति होती है । हो सकता है, उन चूहों की गंध इस एस्कहाम में अब भी मौजूद हो, जो विसानियो के शब्दों में कभी चूहों की उपासना करने वाले रोमन कबीले के लोगों का मंदिर था और जिसके तहखाने में हजारो की तादाद में चूहे पाले जाते थे और उनको इंसानों की बलि दी जाती थी । मेरे खयाल में हमें एक बार इस इमारत के तहखाने को भी खोलकर देख लेना चाहिए ।”
मैंने कैप्टन नौरोजी की बात उस वक्त नहीं मानी । मैंने तहखाने का दरवाजा देखा था । उसका खुलना आसान नहीं था । सदियों से बंद पड़ा रहने के कारण उस पर इतना जंग लग चुका था कि खोलने के लिए शायद उसको काटना या तोड़ना पड़ता । इतना ही नहीं, तहखाने में दाखिल होना भी खतरे से खाली नहीं था । सदियों से बंद तहखाने के अंदर जहरीली गैसे जमा होने की पूरी संभावना थी । बगैर गैस-मास्क पहने तहखाने में दाखिल होना घातक और खतरनाक साबित हो सकता था ।
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|