Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ
प्रेत ने कहा कि सोच-विचार कर लीजिये. मैं फिर मिलूंगा.
इसके बाद वह गायब हो गया. अधिकारी हैरान रह गया कि वह अचानक गायब कैसे हो गया.
उसी रात अधिकारी जब अपने क्वार्टर में सोया हुआ था. प्रेत ने उसे झकझोर कर उठाया. वह भौंचक रह गया.
प्रेत- तुम्हारे घर के दरवाजे खिड़कियां सब बंद हैं..फिर भी मैं अंदर आ गया. इसी तरह चला भी जाउंगा. समझे मैं कौन हूं? मैं कुछ भी कर सकता हूं. जिंदा रहना चाहते हो तो मेरी बात माननी ही पड़ेगी. मरना चाहते हो तो कोई बात नहीं. मैं अंतिम वार्निंग दे रहा हूं. कल उसके तबादले का आर्डर निकलेगा नहीं तो परसों तुम्हारी अर्थी निकलेगी. सोच लो क्या करना है.
और वह गायब हो गया.अधिकारी मारे भय के कांपने लगा. रातभर नींद नहीं आयी. सुबह आफिस पहुंचा तो सबसे पहले तबादले का लैटर तैयार कराया.
इधर सुबह के वक्त जब मोहन सिंह उठा तो बिस्तर पर 10 हजार रुपयों की गड्डी दिखायी पड़ी. वह समझ गया कि उसका ईनाम है. आफिस पहुंचा तो पता चला कि उसका ट्रांसफर ऑर्डर निकल चुका है. वह वापस धनबाद रेल मंडल भेजा जा रहा है.
श्रेय:----छोटे
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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