[QUOTE=soni pushpa;560168]
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Originally Posted by rajnish manga
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मैंने देखा कुछ बालिकाओं को जिन्होंने हाथों में शराब के गिलास पकडे हुए थे अजीब से कपडे थे उनके और सिगरेट के कश लिए जा रही थीं वें इतने में जिनके घर पार्टी थी ऊसी घर की एक बुजुर्ग महिला आइन तब सबने उनके पैर छुए और आशीर्वाद भी लिए अब सवाल ये उठता है की आपको अपनी संस्कृति याद है की बड़े आयें तो उनके सम्मान में खड़े हो जाओ बड़ों के पैर छुओ फिर ये क्यों वो लोग भूल रहे हैं की हमारी सभ्यता हमें दारू पीना सिगरेट पीना नशा करना नहीं सिखाती नशे में धुत होकर अश्लीलता करना नहीं सिखलाती हमारी सभ्यता और संस्कृति को आज विदेशी लोग नमन कर रहे हैं तब हम क्यूँ अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं ? याने ये दोहरा बर्ताव मेरी समझ से बहार था भाई
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रोचक प्रसंग है पुष्पा जी । यह भी सही है युवा पीढी अपने मुल्यों को भुली नहीं है । उन सभी को मां-बाप से संस्कार तो मिले ही है और वे उनकी ईज्जत भी करतें है । लेकिन मोर्डन सोसायटी के तेज बहाव और बदलाव में सभी बहे जा रहे है । सच बताउं तो उनको कहीं न कहीं अपराध भावना महसुस होती होगी जब वे व्यसन करतें है ।
आज की पीढी को संस्कार मिले ही है लेकिन मुझे शंका है की वे आनेवाली पीढी तक उन्हें पहुंचा पाएंगे या नहीं ।