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Originally Posted by kamesh
सभी मित्रो को मेरा नमस्कार आज दिल में अक हुक सी उठी तो मेने यह सूत्र बनाया जिसमें आप सभी का सहयोग आशीर्वाद और प्यार चाहिए , मेरी सोच है की बिना दर्द के प्यार परवाना नहीं चढ़ता है और बिना चोट खाए प्यार की गहराई समझ में नहीं आती,तभी तो कहतें है "जब दर्द नहीं था सिने में तो खाक मजा था जीने में,अब के सावन हम भी रोयें सावन के महीने में" आप सभी आमंत्रित है अपने अनुबव ,गीत गजल और शायरी के साथ जो आप के दिल की गहराई से निकली हो
धन्यवाद
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जब दर्द नही था सिने में तब खाक मजा था जीने में
अब के सायद हम भी रोये सावन के महीने में !
बहुत अच्छा प्रयास हे कामेश जी