Re: प्रेम, प्रणय और धोखा
कल्याण भाई, हम तो पंसारी हैं जो थोक में खरीदते हैं और फुटकर में बेचते हैं .................
इसी सन्दर्भ में एक बानगी है ......
हम अकेले हैं हमसे बात तो करो !
हमारी सुन लो और अपनी कहो !!
उम्र भर कौन साथ रहता है यारो!
एक दो पल तो मेरे साथ रहो !!
अकेले आये हैं हम अकेले जायेंगे भी
न संग आता कोई ना संग जाता है !!
रिश्ते बनते हैं, बिगड़ जाते हैं यहाँ
स्मृतियों का मेला ही शेष रह जाता है !!
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