Re: अनोखे गीत - २
गुलज़ार साहब की बात अगर की जाए तो उनके नग़्मे ईतने दर्द भरे होते है, मानो कोई गहरी खाई हो और हम उसमें ग़ीरते जा रहे हो! उनके यह गीत व्यावहारिक दुनिया से दुर ले जाने की कोशिश करते है ईसलिए कमज़ोर दिल वाले अवश्य बचें, वरना आपको डिप्रेशन हो सकता है!
वैसे उनके ईन गीतो में प्रचुर दर्द के साथ कभी कभी आशाओं का मरहम भी होता है!
हज़ार राहें
तुम पुकार लो
दो नैना
एक अकेला
कोई होता
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वो शाम
जब भी ये दिल
ये साये है
यारा सिली सिली
एसे और नग़्मे भी है, लेकिन फिलहाल ईतने ही!
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