Re: निंदक नियरे राखिये
पवित्रा,हर चीज़ में अच्छाई देखना तुम्हारी अच्छी आदत है ,ये तुम्हारा आशावादी दृष्टि कोण दर्शाती है। लेकिन दुनिया में सच्चे निंदक मिलना बहुत कठिन है। मेरे हिसाब से निंदक तीन तरह के होते हैं ,पहले वो जो आपके सामने आपकी प्रशंसा करते हैं लेकिन पीठ पीछे आपकी बुराई। दूसरे वो जो आपके सामने भी आपकी बुराई करते हैं और पीठ पीछे भी। तीसरे वो जो सिर्फ आपके सामने ही आपकी कमियां बताते हैं लेकिन पीठ पीछे आपकी प्रशंसा करते हैं या बुराई तो नहीं ही करते। लेकिन जो पहले तरह के निंदक हैं आज सबसे ज़्यादा उसी तरह के लोग मिलते हैं ,ऐसे लोगों को पहचानना भी मुश्किल होता है क्योंकि जब वो हमारी प्रशंसा करते हैं तो हमें अच्छा लगता है और हम सोच नहीं पाते की यही पीठ पीछे हमारी बुराई करेंगे। दूसरी तरह के लोग इनसे बेहतर होते हैं क्योंकि उनके बारे में हमें पता होता है की ये हमारे बारे में क्या सोचते हैं। तीसरी तरह के लोग बेहतरीन होते हैं ,और मैं चाहती हूँ की काश ऐसे लोग सबकी ज़िदगी में हों ताकि सब लोगों को बेहतरीन बनने का मौका मिल सके।
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