भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
(इन्टरनेट से)
जीवन में गुरु की अपनी एक विशेष जगह है। कहते है बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त नहीं होता। सच्चा ज्ञान प्राप्त करने के लिए आपको किसी न किसी को गुरु बनाना पड़ता है चाहे फिर वो एकलव्य की तरह मिट्टी की मूरत ही क्यों ना हों। गुरु की इसी महता को प्रमाणित करते है भगवान दत्तात्रेय जो की स्वयं भगवान विष्णु के अवतार थे फिर भी उन्होंने अपने जीवन में 24 गुरु बनाए जिसमे कीट, पक्षी और जानवर तक शामिल है। उन्होंने जिससे भी कुछ सीखा उसे अपना गुरु माना।
कौन है भगवान दत्तात्रेय भगवान दत्तात्रेय ब्रह्माजी के मानस पुत्र ऋषि अत्रि के पुत्र हैं। इनकी माता का नाम अनुसूइया था। कई ग्रंथों यह बताया गया है कि ऋषि अत्रि और अनुसूइया के तीन पुत्र हुए।
ब्रह्माजी के अंश से चंद्रमा, शिवजी के अंश से दुर्वासा ऋषि, भगवान विष्णु के अंश दत्तात्रेय का जन्म हुआ। कहीं-कहीं यह उल्लेख भी मिलता है कि भगवान दत्तात्रेय ही ब्रह्मा, विष्णु और शिव के सम्मिलित अवतार हैं।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
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Last edited by rajnish manga; 06-02-2018 at 03:20 PM.
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