Re: इधर-उधर से
उपरोक्त सॅानेट का स्वतंत्र अनुवाद मैंने निम्नलिखित प्रकार से किया है:
प्यार दिलों का सच्चा हो तो कभी न घटता बढ़ता है
वो प्यार भला क्या प्यार, मुड़े जो अवरोधों के डर से
या जब भी देखे मोड़ कोई उसी ओर चल पड़ता है
अथवा किसी भयंकर क्षण में चिर जाये वह अन्दर से.
नहीं नहीं! किसी शैल-शिखर जैसा ही यह अविचलित है
झंझाओं के सम्मुख भी जो नहीं कांपता रत्ती भर;
प्यार चिरन्तन जलपोतों में ध्रुव तारे सा परिचित है,
कथा अपरिचित जिसकी पर हैं परिचित अक्ष-दिशांतर.
यह प्यार है और प्यार हुआ कब वक़्त के आधीन है,
हाँ, गुलाबी गाल और ये रसीले होंठ पपड़ा जायेंगे;
न काल-खण्डों में कभी टूटे, प्यार वह शालीन है,
और प्रेमी प्रलय का आघात सहते, मंजिलें पा जायेंगे.
यह गलत हो तो मुझे इसका नहीं अधिकार था,
औ’ समझ लें न तो मुझमें न किसी में प्यार था.
Last edited by rajnish manga; 20-11-2013 at 09:59 AM.
|