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Old 21-12-2014, 07:18 AM   #24
DevRaj80
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Default Re: जीएसटी :: और आम आदमी

जीएसटी का फायदा

यह है कि इससे टैक्स का दायरा बढ़ जाएगा. अब तक जो चीजें टैक्स से बची हुई थीं वो भी इसके दायरे में आ जाएंगी. सारे देश में एक जैसी टैक्स दर होने से प्रशासनिक सुविधा तो होगी ही, उत्पादकों को भी नई यूनिट खोलने के निर्णय में अब राज्यों की अलग-अलग टैक्स दर को विचार में लेने की जरूरत नहीं होगी.

अन्य उत्पादक कारकों जैसे कच्चा माल, बुनियादी ढांचा और बाजार के आधार पर निर्णय होंगे. अर्थव्यवस्था की सेहत सुधरेगी. जीडीपी बढ़ेगी. उपभोक्ता के लिए भी जीएसटी से कई फायदे होंगे. अब तक कई उत्पादों के दामो में अलग-अलग राज्यों में जो फर्क होता है, तब वह नहीं होगा. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आर्थिक सुधारों के एजेंडे में लंबे समय से महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है. लंबे समय से अटके जीएसटी को जल्द से जल्द लागू करने को लेकर सरकार गंभीर है. इसमें देरी न हो, इसके लिए राज्यों के हितों को प्राथमिकता देने को केंद्र कमोबेश तैयार है. अनुमान है कि इसके लागू होने से सकल घरेलू उत्पाद (जीएसटी) में डेढ़ से दो फीसद तक बढ़ोतरी होगी.

इतना ही नहीं जीएसटी लागू होने के बाद सारे टैक्स हटेंगे. कहा यह भी जा रहा है कि यह टैक्स सिस्टम सुधार का सबसे बड़ा कदम है. जीएसटी के तहत पूरे देश में एक ही रेट पर टैक्स लगेगा. अब तक राज्य अपनी सीमा में अलग-अलग तरह से टैक्स लेते हैं. इससे अनावश्यक रूप से उत्पाद की कीमत बढ़ती है, समय लगता है, राज्य की सरकारी मशीनरी के हाथों व्यापारी को परेशानी उठानी होती है. जिससे एक राज्य के व्यापारी की दूसरे राज्य में प्रतिस्पर्धात्मक कमी हो जाती है. पर अगर पूरे देश में एक ही कर होगा तो हर राज्य में अलग-अलग स्तरों पर कर के नाम पर जो बाधाएं खड़ी की जाती हैं, वो खत्म हो जाएंगी.

व्यापार निर्बाध हो सकेगा. जाहिर है, अधिक व्यापार हेागा और जीडीपी बढ़ेगी. राजस्व भी बढ़ेगा. यह भी संभव है कि राजस्व बढ़ने से सरकार टैक्स की दर कम करने के लिए प्रेरित हो और उत्पाद का दाम भी कम हो. जिसका फायदा उपभोक्ता को मिलेगा. पूर्व में जीएसटी दर 12 से 16 प्रतिशत बताई जा रही थी लेकिन अब लग रहा है कि कर की दर करीब 27 फीसद तक हो सकती है. इसमें राज्यों का जीएसटी करीब 12 फीसद और केंद्र का 15 फीसद हो सकता है. इससे टैक्स चोरी कम होगी कलेक्शन बढ़ेगा और टैक्स ढांचा पारदर्शी होगा. काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे.

वास्तव में वस्तु एवं सेवा कर कर का वह प्रकार है जो मूल्यवर्धन के प्रत्येक स्तर पर अनिवार्यत: लगता है. हर चरण में किसी भी आपूति कर्ता को टैक्स क्रेडिट सिस्टम के माध्यम से इसकी भरपाई की अनुमति होती है. यह ठीक है कि शुरुआती दौर में जीएसटी लागू होने में अवश्य कुछ असुविधा होगी. लेकिन भविष्य में इसके सुपरिणाम आएंगे.
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .

तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...

तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..

एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,

बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..

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Last edited by rajnish manga; 21-12-2014 at 10:22 AM.
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