View Single Post
Old 04-01-2013, 12:02 PM   #272
vijaysr76
Member
 
Join Date: May 2011
Posts: 77
Rep Power: 14
vijaysr76 will become famous soon enoughvijaysr76 will become famous soon enough
Default Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ

संत ने समझाया लोक-कल्याण पर आधारित ज्ञान ही सार्थक





जीवन दर्शन.. एक दिन एक व्यक्ति किसी संत के पास पहुंचा। वह बहुत अधिक तनाव में था। अनेक प्रश्न उसके दिमाग में घूम-घूमकर उसे परेशान कर रहे थे – जैसे आत्मा क्या है? आदमी मृत्यु के बाद कहां जाता है? सृष्टि का निर्माता कौन है? स्वर्ग-नर्क की अवधारणा कहां तक सच है और ईश्वर है या नहीं? उसे इन प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल रहे थे।


जब वह संत के पास पहुंचा तो उसने देखा कि संत को कई लोग घेरकर बैठे हैं। संत उन सभी के प्रश्नों व जिज्ञासाओं का समाधान अत्यंत सहज भाव से कर रहे हैं। काफी देर तक यह क्रम चलता रहा। किंतु संत धर्यपूर्वक हर एक को संतुष्ट करते रहे।
बेचारा व्यक्ति यहां का हाल देखकर परेशान हो गया। उसने सोचा कि ये संत हैं, इन्हें दुनियादारी के मामलों में पड़ने से क्या लाभ? अपना भगवद् भजन करें और बुनियादी समस्याओं से ग्रस्त इन लोगों को भगाएं। किंतु संत का व्यवहार देखकर तो ऐसा लग रहा था मानो इन लोगों का दुख उनका अपना दुख है। आखिर उस व्यक्ति ने पूछ ही लिया, महाराज आपको इन सांसारिक बातों से क्या लेना-देना? संत बोले – मैं ज्ञानी नहीं हूं, त्यागी हूं और इंसान हूं।
वैसे भी वह ज्ञान किस काम का, जो इतना घमंडी और आत्मकेंद्रित हो कि अपने अतिरिक्त दूसरे की चिंता ही न कर सके? ऐसा ज्ञान तो अज्ञान से भी बुरा है। संत की बातें सुनकर व्यक्ति की उलझन दूर हो गई। उस दिन से उसकी सोच व आचरण दोनों बदल गए। कथा का सार यह है कि ज्ञान तभी सार्थक होता है, जबकि वह लोक-कल्याण में संलग्न हो।
vijaysr76 is offline   Reply With Quote