Re: देश मे सुधार
विजय और पवित्रा आप दोनों ने ही बहुत सही और अच्छी बातें लिखी हैं। विजय जी मुझे ख़ुशी इस बात से हुई की आप खुद एक पुरुष होक ऐसे विचार रखते हैं,ये बहुत अच्छी बात है। दहेज़ वाकई में एक बहुत बड़ी कुप्रथा है ,और इसके लिए अकेला लड़का नहीं पूरा परिवार,रिश्तेदार और समाज दोषी है। जब किसी लड़के की शादी होती है तो रिश्तेदार और पहचान वाले पूछते हैं दहेज़ में क्या आया ,और अगर अच्छा दहेज़ आता है तो लोग तारीफें करते हैं ,और कम आया तो बातें बनाते हैं। हमारे अंदर ऐसे लोगों को जवाब देने की हिम्मत होनी चाहिए ,ये कहने की हिम्मत होनी चाहिए की हमारे लिए कुछ बेजान चीजों और पैसे से ज़्यादा एक अच्छी बहु की अहमियत है और हमें वही मिली है। वैसे आजकल कुछ लड़की वाले भी कम दोषी नहीं होते ,अपनी बेटी के लिए अच्छा वर ढूंढने के लिए कई बार माँ-बाप खुद ऑफर देते हैं गाडी या अच्छा पैसा देने की बात करते हैं, और जिनके पास पैसा है वो दहेज़ देने में अपना बड़प्पन समझते हैं। तो सोच हमें हर स्तर पर बदलनी होगी। लड़कों को भी इस कुप्रथा के विरोध में खड़ा होना पड़ेगा की हम कोई सामान नहीं हैं की हमारे बदले गाडी या पैसे की मांग की जाए और लड़कियों को भी अपने माँ-बाप को समझाना होगा ,और सबसे बड़ा बदलाव हम सामाजिक लोगों को लाना होगा की किसको क्या मिला किसने क्या दिया ये बातें छोड़ कर समाज की भलाई पर ध्यान दें।
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