Re: गुण और कला
‘गुण स्वाभाविक रूप से या प्राकृतिक रूप से मनुष्य में विद्यमान होते हैं और कला कोई भी व्यक्ति थोड़े से अभ्यास से सीख सकता है।‘- पवित्रा
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‘गुण ईश्वर की दी हुई एक अंदरूनी शक्ति है और कला अधिकतर हम इन्सान सीखते हैं और कुछ समय के अभ्यास के बाद किसी कला में पारंगत हो सकते हैं..’- सोनी पुष्पा
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‘गुण व्यक्ति में जन्मजात होते हैं जबकि कलाओं का विधिवत विकास किया जाता है – सीख कर अथवा साधना के रास्ते पर चल कर.’- रजनीश मंगा
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बगुला भगत का मस्तिष्क इन विचारों को पढ़कर बहुत ही भ्रमित हो गया है. यदि ऐसा है तो काम गुण है या कला? यह तो मनुष्य में जन्मजात होता है, फिर इसे कला क्यों कहा जाता है?
Last edited by Bagula Bhagat; 30-01-2015 at 08:47 AM.
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