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ओडिशा के पूर्व मंत्री नित्यानंद का निधन
भुवनेश्वर। वयोवृद्ध साहित्यकार, स्वतंत्रता सेनानी और ओडिशा के पूर्व मंत्री नित्यानंद महापात्र का आयु संबंधी बीमारियों के चलते मंगलवार को यहां निधन हो गया। उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। वर्ष 1912 में जन्मे महापात्र के परिवार में उनका एक पुत्र है। उनकी पत्नी हरप्रिया महापात्र का पांच साल पहले देहांत हो चुका है। सूत्रों के अनुसार, महापात्र को दो दिन पहले यहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम श्वास ली। वह वर्ष 1967 से 71 के दौरान आरएन सिंह की अगुवाई वाली स्वतंत्र जन कांग्रेस नीत गठबंधन सरकार में सांस्कृतिक मामलों के मंत्री और खाद्य तथा नागरिक आपूर्ति मंत्री थे। महापात्र भद्रक सीट से तीन बार विधायक चुने गए थे, दो बार निर्दलीय और एक बार जन कांग्रेस के टिकट पर। केंद्रीय साहित्य अकादमी तथा उड़ीसा साहित्य अकादमी पुरस्कारों से सम्मानित महापात्र ने भंगहादा, घारादिहा, नाहोन्म तिस्तामी बैकुंठ, कालागेरा घारागेरा और प्रिय ओ प्रियतमा जैसी किताबें लिखीं। जब वह बेरहामपुर जेल में बंद थे तब उन्होंने माकपा की उड़ीसा राज्य इकाई के लिए चर्चित ध्वज गीत ऐ लाल पताकरा तले लिखा था। महापात्र के निधन की खबर फैलते ही कई जानीमानी हस्तियां खारवेला नगर स्थित उनके आवास पर पहुंचीं। उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार पुरी स्थित स्वर्ग द्वार श्मशान गृह में किया जाएगा।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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