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Spotlight
Israel / इजराइल
मैं जब छोटा था तो उन दिनों छपने वाली पत्रिका "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" में लीओन यूरिस के उपन्यास "Exodus" का हिंदी रूपांतर प्रकाशित हुआ था 'भगदड़'. उसको पढ़ कर ही मुझे यहूदियों के दो हज़ार वर्षों तक चलने वाले संघर्षों की कुछ जानकारी हो सकी. यह संघर्ष था अपने अस्तित्व के लिए और था अपने 'होमलैंड' के लिए. आपको याद होगा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की जर्मन फ़ौजों द्वारा लाखों की तादाद में बिना किसी कसूर के यहूदियों को मौत के घाट उतार दिया गया था. उन पर झूठे मुकद्दमे चला कर भी उनको फांसी पर लटका दिया गया था. ये मुकद्दमे न्यूरेमबर्ग ट्रायल्स के नाम से कुख्यात हैं.
यह संघर्ष इजराइल बनने के बाद भी जारी है. लेकिन इजराइल राज्य की स्थापना यहूदियों के लिए एक टर्निंग पॉइंट था. अब वह अपने बूते पर एक सामरिक तथा वैज्ञानिक शक्ति के तौर पर उभर कर सामने आया है. आज इजराइल से कहीं बड़ी ताकतें उसके सहयोग की अपेक्षा व कामना करती हैं. भारत ने प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में सन 1992 में इजराइल से पूर्ण कूटनीतिक संबंध स्थापित किये थे. उससे पहले चीन द्वारा भी इजराइल से पूर्ण कूटनीतिक संबंध स्थापित हो चुके थे. इस प्रकार इजराइल अपनी उपलब्धियों के बल पर 'बहिष्कृत राष्ट्र' के खेमे से बाहर आ गया था.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 08-11-2014 at 08:57 PM.
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